"मैं सारी रात अपने बेटे की तस्वीर देख-देख कर रोती हूं. उसका चेहरा मेरी आंखों के सामने घूमता रहता है."
ये
शब्द हैं लक्ष्मी देवी के, जिनके 24 साल के बेटे रिकी की तीन हफ़्ते पहले
ही मौत हुई है. वो बेटे की मौत के सदमे से बाहर नहीं आ पा रही हैं.रिकी ने दसवीं की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी जिसके बाद वो ज़्यादातर समय अपने दोस्तों के साथ बिताने लगा और नशे की लत में पड़ गया.
पंजाब के जालंधर कैंट में दो कमरों के मकान में रहने वाली लक्ष्मी लोगों के घरों में काम करके गुज़ारा करती हैं. उनके पति दिहाड़ी मज़दूरी करते हैं.
वो बताती हैं, "हम हमेशा से ही गरीब थे. हमारे बेटे ने ड्रग्स खरीदने के लिए हमारा सबकुछ बेच दिया था. दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी. ड्रग्स के लिए उसने शादी में मिले सारे तोहफे भी बेच दिए."
लक्ष्मी बताती हैं कि रिकी के कई दोस्त थे. उनके साथ मिलकर वो नशा करने लगा. धीरे-धीरे वो चिट्टा (हेरोइन) और दूसरे नशों का आदी हो गया. एक समय बाद उसकी ज़िंदगी में नशे के अलावा कोई और काम नहीं था.
लक्ष्मी बताती हैं कि रिकी ने आखिरी समय में नशा छोड़ने की काफी कोशिश की. "मैंने उसे अस्पताल में भर्ती भी कराया. लेकिन वो बच ना सका." ये कहते हुए लक्ष्मी देवी की भरी आंखों से आंसू छलक पड़े.
लक्ष्मी देवी कहती हैं, "आसानी से नशा मिलने की वजह से नौजवान मौत के मुंह में जा रहे हैं. गली-गली में नशे का सामान मिल रहा है. इस कारण ही छोटे-छोटे बच्चे भी नशे के आदी हो रहे हैं."
बीते सालों के मुकाबले पंजाब में इस साल नशे की वजह से मरने वालों की तादाद दोगुनी हो गई है. इस साल जून तक 60 लोगों की मौत हुई है और ये आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है.
एक अधिकारी की मानें तो ड्रग्स के चलते हर दिन औसतन एक व्यक्ति की मौत हो रही है.
पंजाब के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया,"जून तक पंजाब में ड्रग्स की वजह से 60 संदिग्ध मौते हुई हैं. जबकि पिछले दो सालों तक ये आंकड़ा 30 से 40 था."
पंजाब पुलिस की ओर से मुहैया कराई गई जानकारी के मुताबिक़ पिछले साल कुल 38 लोगों की मौत हुई थी, जबकि साल 2018 में अप्रैल से जून के दौरान ही 37 लोगों ने नशे की वजह से अपनी जान गवां दी.
बॉर्डर ज़ोन के अमृतसर, गुरदासपुर और तरन तारन इलाकों में सबसे ज़्यादा 14 मौतें हुई हैं, जबकि जालंधर में 11 और बठिंडा में 10 मौतें हुई हैं.
साल 2017 में इन तीन महीनों के दौरान बठिंडा में 16 लोगों की मौत हुई थी.
सभी मौतों की जांच के आदेश देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पुलिस की सख्ती की वजह से हेरोइन की तस्करी मुश्किल हो गई है, इसलिए तस्करों ने हेरोइन को सस्ते पदार्थ के साथ मिलाना शुरू कर दिया, जिससे ये और खतरनाक हो गई है.
हाल में आई बॉलीवुड फिल्म 'उड़ता पंजाब' में भी राज्य की ड्रग्स से जुड़ी समस्या पर रोशनी डाली गई थी.
ड्रग्स का मुद्दा राज्य की राजनीति में भी गरमाता रहा है.
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