भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले में पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
इस
दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को आरोपियों के ख़िलाफ़ सबूत पेश करने के
लिए कहा. महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में कहा है कि उसके पास इस मामले में
पुख़्ता सबूत हैं. अब इस मामले में अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी.
देश में अलग-अलग छापों के बाद 29 अगस्त को पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया था. उसी दिन इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ''लोकतंत्र में असहमति एक सेफ़्टी वॉल्व की तरह होती है.''
सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट में रखने का आदेश दिया था. इसके बाद मामले में 6 सितंबर को सुनवाई हुई थी. तब कोर्ट ने हाउस अरेस्ट को बरकरार रखने के आदेश दिए थे.
ये मामला इस साल जनवरी में हुई भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़ा है. महाराष्ट्र पुलिस ने पांचों कार्यकर्ताओं के नक्सलियों से संबंध होने का आरोप लगाया है.
गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी जिसमें दावा किया गया था कि माओवादी संगठन एक बड़ी साज़िश रच रहे हैं.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने मीडिया के सामने कई पत्र भी पढ़े जिसके ज़रिए यह बताया गया कि ये सभी सामाजिक कार्यकर्ता माओवादी सेंट्रल कमेटी के संपर्क में थे.
पुलिस ने यह आरोप भी लगाए थे कि इन कार्यकर्ताओं के संपर्क कश्मीर में मौजूद अलगाववादियों से भी हैं.
इसके बाद गिरफ़्तार सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक वरिष्ठ वकील सुधा भारद्वाज ने अपनी वकील वृंदा ग्रोवर के ज़रिए एक चिट्ठी सार्वजनिक की और पुलिस के लगाए तमाम आरोपों को निराधार बताया था.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रेस कांफ्रेंस को लेकर महाराष्ट्र पुलिस को फटकार भी लगाई थी. दरअसल, हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर नाराज़गी जाहिर की थी.
अमूमन योगगुरु बाबा रामदेव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ़ैसलों को सराहते नज़र आते हैं लेकिन अब
उन्होंने महंगाई को लेकर सरकार पर सवाल खड़ा किया है.
रामदेव ने
रविवार को कहा कि देशभर में अगर महंगाई को जल्द ही क़ाबू नहीं पाया गया तो
अगले आम चुनाव में मोदी सरकार के लिए यह महंगा साबित होगा. रामदेव ने यह भी कहा कि वो 2019 में बीजेपी के पक्ष में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे जिस तरह उन्होंने 2014 में सक्रियता से प्रचार किया था.
उन्होंने ये बातें एक चैनल के कार्यक्रम में बीजेपी के चुनाव प्रचार से जुड़े सवाल पर कहीं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की आलोचना करना उनका मूलभूत अधिकार है.
हालांकि, रामदेव ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री ने काम भी किया है और स्वच्छता अभियान में किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं होने दिया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सोमवार से तीन दिवसीय परिचर्चा शुरू हो रही है. इस कार्यक्रम में कई जानेमाने लोगों के हिस्सा लेने की संभावना है.
कार्यक्रम का शीर्षक 'भविष्य का भारत: आरएसएस का दृष्टिकोण' है. वैसे यह कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही ख़बरों में छा गया था.
इस तरह की ख़बरें आई थीं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है.
लेकिन, तीनों में से कोई नेता इसमें शरीक नहीं होंगे. अखिलेश यादव ने मीडिया को अपने शामिल न होने की जानकारी भी दी थी. ये परिचर्चा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में होने जा रही है.
इसरो द्वारा रविवार को छोड़े गए दो ब्रिटिश सेटेलाइट अपनी कक्षा में पहुंच गए हैं. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने अपने कैरियर पीएसएलवी-सी42 से इन्हें अंतरिक्षा भेजा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके इसके लिए इसरो को बधाई भी दी.
इस अभियान के लिए शनिवार से ही 33 घंटे का काउंटडाउन शुरू हो गया था. इन सेटेलाइट को चार चरणों में छोड़ा गया था.
ये सेटेलाइट जंगलों की मैपिंग और किसी तरह की आपदा की निगरानी का काम करेंगी.
शराब कारोबारी विजय माल्या के ख़िलाफ़ सीबीआई जल्दी दूसरी चार्जशीट दायर कर सकती है. इस चार्जशीट में कुछ बैंक अधिकारियों का नाम भी शामिल हो सकता है.
विजय माल्य पर बैंकों से कर्ज लेकर उसे न चुकाने का आरोप है. ये चार्जशीट करोड़ का कर्ज न चुका पाने के मामले में दाख़िल की जाएगी. जिन बैंकों से कर्ज लिया गया था उनमें इसमें स्टेट बैंक सहित 17 शामिल हैं.
पिछले साल सीबीआई ने विजय माल्य के ख़िलाफ़ पहली चार्जशीट दायर की थी जो आईडीबीआई बैंक से 900 करोड़ रूपये का कर्ज न चुकाने से जुड़ी थी.
फ़िलीपींस और हॉन्गकॉन्ग में तबाही मचाने के बाद मैंगकूट तूफ़ान चीन में पहुंच चुका हैं जहां इसके कारण 162 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं.
ग्वांगडूंग में सबसे तेज़ तूफ़ान आने का हाई अलर्ट जारी किया गया है. इस तूफ़ान ने हॉन्गकॉन्ग में भी तबाही मचाई जिससे बहुमंजिली इमारतों के साथ और घरों की खिड़की-दरवाज़ों को नुकसान पहुंचा है.
ग्वांगडूंग प्रांत से लगभग 25 लाख लोगों को तूफ़ान के रास्ते से हटाया गया है. हैनन प्रांत में प्रशासन ने हवाई उड़ानें रद्द कर दी हैं. तटों के पास के स्कूल बंद कर दिए हैं. मैंगकूट को साल 2018 का सबसे ख़तरनाक तूफ़ान माना जा रहा है.
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